हरे कृष्णा हरे राम, विदा हो गए बीजेपी-वाम; हुगली में ममता बनर्जी ने भरी हुंकार – पश्चिम बंगाल में इस साल विधानसभा का चुनाव होने वाला है, जिसको लेकर वहाँ की राजनीति गर्म हो चुकी है। जहां एक ओर वर्तमान में देश की सबसे मजबूत पार्टी बीजेपी बंगाल फतह करने की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ रही है वहीं दूसरी ओर लगातार दो पंचवर्षीय से पश्चिम बंगाल की सत्ता पर तृणमूल कांग्रेस भी तीसरी बार सत्ता पाने के लिए पूरा जोर लगा रही है।
जैसा कि सभी जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व के एजेंडे को चलाकर वोटरों में अपनी पकड़ बनाए रखती है जिसके लिए वे हमेशा‘जय श्री राम‘ का नारा देते हैं। बाबरी विध्वंस के बाद इस नारे का महत्व काफी बढ़ गया था और विपक्षी दल हमेशा इसका कोई न कोई तोड़ निकालते रहते हैं।
हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के जय श्री राम नारे का जवाब देते हुए एक नया नारा दिया है ‘हरे कृष्णा हरे राम, विदा हो गए बीजेपी–वाम‘। बंगाल चुनाव के पहले जय श्री राम पर राजनीति गरमाने के बाद ममता बनर्जी ने यह प्रतिक्रिया दी है।
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हुगली पुरशुरा में ममता ने भरी हुंकार:
हुगली जिले के पुरशुरा में आयोजित एक जनसभा में ममता बनर्जी ने कहा कि मैं भाजपा के सामने सिर झुकाने की बजाय अपना गला काटना चाहूंगी। यहीं पर उन्होंने भाजपा के जय श्रीराम के नारे का जवाब ‘हरे कृष्णा हरे राम, विदा हो गए बीजेपी–वाम‘ नारे से दिया। गौरतलब हो कि 23 जनवरी को विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी जयंती समारोह में ममता ने भाषण देने से मना कर दिया था, जब वहां भीड़ में मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने जय श्रीराम के नारे लगाने शुरू कर दिए थे।
इस पर सोमवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि “उन लोगों ने मेरा अपमान किया है। मैं बंदूकों में नहीं, बल्कि राजनीति में विश्वास रखती हूं। भाजपा ने नेताजी सुभाष और बंगाल का अपमान किया है। अगर आपने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जय की होती तो मैं आपको सलाम करतीं।“
बंगाल नहीं है कंगाल, चिकन चावल खा लेना लेकिन भाजपा को वोट न देना: ममता
ममता बनर्जी ने कहा कि “बंगाल कंगाल नहीं है, भाजपा टीवी वालों को डराकर सिर्फ टीवी पर ही जीत रही है। बूथ कर्मी पार्टी के लिए सबसे अहम काम करते है। काम करने से ही नेता बनते है, पेड़ से अचानक गिरकर नेता नहीं बनते। पैसा देते हैं तो पैसा ले लीजिए, चिकन और चावल खा लेना लेकिन भाजपा को वोट मत देना।“
लोकसभा चुनाव में बंगाल में बीजेपी का बढ़ा था कद:
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल राज्य में बीजेपी के कद बढ़ा था। पहली बार बीजेपी ने दहाई के आंकड़े को छूते हुए 18 सीट प्राप्त किया था। लोकसभा 2014 में बीजेपी को मात्र 2 सीट मिले थे, जबकि 34 सीट पाने वाली आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 22 सीट मिले थे।
ममता बनर्जी के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें:
लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो भारतीय जनता पार्टी को पश्चिम बंगाल में 40.07% वोट मिले थे, जो लोकसभा चुनाव 2014 के मुकाबले 22.76 प्रतिशत अधिक था। जबकि आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को लोकसभा 2019 के चुनाव में 43.3% वोट मिला था, जो लोकसभा चुनाव 2014 से 3.48% अधिक था। अगर वोट शेयर के हिसाब से देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी इस विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के लिए मुश्किलें जरूर पैदा कर सकती हैं।